चल अाज सब कुछ भुला के एक मज़ा सा करते हैं,
तफ़रीकें मिटा के दिल-ओ-दिमाग़ को एक रज़ा सा करते हैं,
दुनिया की सुद्ध में बुद्ध खो बैठे हैं,
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
तफ़रीकें मिटा के दिल-ओ-दिमाग़ को एक रज़ा सा करते हैं,
दुनिया की सुद्ध में बुद्ध खो बैठे हैं,
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
आज पहले जैसा कुछ नहीं, कुछ अनोखा सा करते हैं,
हाँ में हाँ मिला कर चलते रहे अब तक,
आज हाँ को ना बता कर वादों से एक धोखा सा करते हैं,
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
हाँ में हाँ मिला कर चलते रहे अब तक,
आज हाँ को ना बता कर वादों से एक धोखा सा करते हैं,
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
अलहदगी मिटा के दोनों को एक अहदा सा करते हैं,
हर नज़र की नज़र में ख़लकते रहे आज तक,
आज आँखें मीच कर इस दुनिया से एक परदा सा करते हैं,
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
हर नज़र की नज़र में ख़लकते रहे आज तक,
आज आँखें मीच कर इस दुनिया से एक परदा सा करते हैं,
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
आज विचारों का फेर-बदल नहीं, ख्वाबों का एक सौदा सा करते हैं,
कुछ ख्वाब तुम देना कुछ ख्वाब मैं दूँगा,
दिल की बस्ती में ख्वाबों का एक घरौंदा सा करते हैं,
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
कुछ ख्वाब तुम देना कुछ ख्वाब मैं दूँगा,
दिल की बस्ती में ख्वाबों का एक घरौंदा सा करते हैं,
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
चल आज कहीं दूर उड़ जाने का एक इरादा सा करते हैं,
तुम पंछी बन जाओ मैं हवा का झोंका बन जाता हूँ,
हमेशा के लिए इस जहान को एक अलविदा सा करते हैं,
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
तुम पंछी बन जाओ मैं हवा का झोंका बन जाता हूँ,
हमेशा के लिए इस जहान को एक अलविदा सा करते हैं,
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
चल अाज सब कुछ भुला के एक मज़ा सा करते हैं,
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
चल आज खुद को खुदी का एक नशा सा करते हैं ...
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Thanks for your valuable time and support. (Arun Badgal)