मैं ग़म में हूँ
मैं ग़म में हूँ
ग़मों के यम में हूँ
मैं मर गया मुझमें ही कहीं
मैं ख़ुद ख़ुदी के मातम में हूँ
मैं ग़म में हूँ
महकते फूल तरसते रहे
चंद मोतियों के लिए
मैं किसी गंद पे गिरी शबनम में हूँ
मैं ग़म में हूँ
जो किसी ने दी
किसी को महज़ तोड़ने के लिए
मैं किसी के सिर की झूठी क़सम में हूँ
मैं ग़म में हूँ
ज़िंदगी के रास्ते में
पिछड़ गया मैं ख़ुद से
लेकिन दुनिया के काफ़िले में मुक़द्दिम में हूँ
मैं ग़म में हूँ
अपनी नज़रों में
बिख़र गया हूँ तिनका तिनका करके
यूँ आईने में देखूँ तो मुसल्लम में हूँ
मैं ग़म में हूँ
तुम हमदम हो गए
किसी ग़ैर के संग
मैं अभी भी तेरे मेरे वाले हम में हूँ
मैं ग़म में हूँ
कैसे चल लेते हो
बेवफ़ाई संग अकड़ कर
मैं तो वफ़ा संग भी ख़म में हूँ
मैं ग़म में हूँ
खाने से पहले तुम्हारे लिए
निकाल देता हूँ पहला निवाला
मैं अभी भी उस मुहब्बत के उस नियम में हूँ
मैं ग़म में हूँ
अरे! मत दो मुझे
हंसी की दावत का न्योता
मैं खुशियों की बरादरी में महरम में हूँ
मैं ग़म में हूँ
लोग यूँ ही जलते रहे
देख हमारे रोशन चुबारे
मैं अँधेरे कमरों में बसे सहम में हूँ
मैं ग़म में हूँ
वो ढूँढ़ते रहे मुझे
अल्फ़ाज़ों में कहीं
मैं कलम की कोख़ में गिरी किसी नज़्म में हूँ
मैं ग़म में हूँ
ग़मों के यम में हूँ
लाभांश :
जो कभी गिन रहा था
लाशें, दंगे फैला कर
मैं अंधी हुजूम के उस गंदे हाकिम में हूँ
मैं ग़म में हूँ
अर्थ :
यम - समुंदर / लहर
मुक़द्दिम - आगे चलने वाला
मुसल्लम - पूरा / अखंड
ख़म - झुका हुआ
महरम - हराम / वर्जित
हुजूम - जनसमूह
हाकिम - शासक
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Thanks for your valuable time and support. (Arun Badgal)