तो बच्चो, आज क्या पढ़ेंगे हम - विश्लेषण बोलो क्या पढ़ेंगे - विश्लेषण यह बोल के मैंने पीछे देखा तो सारे बच्चे मायूस सा चहरा बना कर बैठे हुए थे। कोई भी कुछ ना बोला। यहाँ तक कि पहले बैंच पर बैठने वाली सन्ध्या और उसकी सहेलियां भी नहीं और आखरी बैंच पर बैठने वाले शैतान राजू , विनीत और हरिया भी नहीं। तो मैंने बड़ी बेचैनी से पूछा - क्या हुआ आज कोई कुछ बोल क्यूँ नहीं रहा ? तो हरिया सबसे पहले बोला - सर हमारे साथ चीटिंग (cheating) हुई है आज। कल तक तो सरकारी छुट्टी थी आज , और फिर अचानक ही छुट्टी कैंसिल (cancel) हो गई। आज हमारे साथ चीटिंग हुई है आज हम कुछ नहीं पढ़ेंगे। यह सुन कर सारी की सारी कक्षा एक साथ बोलने लगी - हम नहीं पढ़ेंगे आज, हम नहीं पढ़ेंगे। तो मैंने पूछा कि अगर पढ़ना नहीं है तो क्या करना है। अब मैं अपनी मर्ज़ी से तो छुट्टी नहीं कर सकता आप लोगों को। जो सरकार कहती है वो मानना पड़ता है। और वैसे भी यह आखरी पीरियड (period) ही तो है। सन्ध्या के बगल में बैठी निकिता झट से बोली - सर आज कोई कहानी सुनाओ। आज हमारा पढ़ने का मन नहीं। अब इतने प्यारे और ...
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